Samaya aur Azadi-समय और आजादी

प्रेरक प्रसंग - समय और आजादी

ए.पी.भारती

महात्मा गाँधी समय के बड़े पाबंद थे। एक बार एक बैठक में शामिल होने को पहुँचे। अध्यक्षता करने वाले सज्जन बहुत देर से पहुँचे, इसलिए बैठक बहुत देर से प्रारंभ हुई।

यह देरी महात्मा गाँधी जी को बहुत अखरी। अध्यक्ष महोदय के पहुँचने पर स्पष्ट कहने के आदी महात्मा गाँधी ने कहा, 'यदि हमारे नेतृत्वकर्ताओं की स्थिति यह है तो सच मानिए हमें आजादी भी देर से ही मिलेगी।'

अपनी गलती पर अध्यक्ष शर्मिंदा हो गए।

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