सोशल मीडिया और श्रद्धांजलि

लघु कथा - सोशल मीडिया और श्रद्धांजलि


कल रात मित्र की बहन का देहांत हो गया। यह जानकर मित्रवर्ग में अत्यंत शोक छा गया। समाज के प्रबुद्धजन अपनी-अपनी संवेदनाएँ व्यक्त कर रहे थे। 

तभी एक महाशय ने मोबाइल पर फेसबुक का पेज खोला और सारा हाल बताने लगा। फेसबुक पर मृतात्मा का छायाचित्र था और उसके नीचे दुख से सराबोर कुछ अल्फाज़ लिखे थे। काफी लोगों ने अपनी संवेदनाओं का इज़हार फेसबुक के माध्यम से कर रखा था।

तभी मेरी नज़र अचानक फोटो के नीचे लाइक, अनलाइक के स्लॉट पर पड़ी। यह देख कर मैं स्तब्ध रह गया कि इस शोक-समाचार को 48 लोगों ने लाइक कर रखा था। समझ से परे है कि लोग फेसबुक के माध्यम से संवेदनाएँ दे रहे थे या मृत्यु पर अपनी लाइक दे रहे थे।

विजय सिंह चौहान

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