बुरी आदतों को तुरंत छोड़ दें
प्रेरक कथा - बुरी आदतों को तुरंत छोड़ दें
एक लोक कथा के अनुसार, एक पिता अपने बेटे की बुरी आदतों के कारण परेशान था। वह कई बार उसे समझा चुका था, लेकिन बच्चा हर बार यही कहता था कि वह बड़ा होकर ये आदतें छोड़ देगा।
कुछ दिनों बाद उनके गांव में एक संत आए। संत बहुत ही विद्वान और सरल स्वभाव वाले थे। जो भी उनसे मिलने आता था, उससे आसानी से मिलते और भक्तों की समस्याओं का निराकरण करते थे। जब ये बात उस पिता को मालूम हुई, तो वह संत से मिलने पहुँचा और अपनी समस्या बता दी। संत ने उससे कहा कि तुम कल अपने बेटे को मेरे पास बाग में भेज देना।
अगले दिन पिता ने अपने बेटे को संत के पास बताए गए बाग में भेज दिया। बच्चे ने संत को प्रणाम किया और दोनों बाग में टहलने लगे। कुछ देर बाद संत ने बच्चे को एक छोटा-सा पौधा दिखाया और पूछा कि इसे उखाड़ सकते हो?
बच्चे ने कहा, 'ये कौन सा बड़ा काम है, मैं इसे अभी उखाड़ देता हूँ', और बच्चे ने पौधा उखाड़ दिया। थोड़ी देर बाद संत ने बच्चे को थोड़ा बड़ा पौधा दिखाया और उसे उखाड़ने के लिए कहा। बच्चा खुश हो गया, उसे ये सब एक खेल की तरह लग रहा था। बच्चे ने पौधे को उखाड़ना शुरू किया तो उसे थोड़ी ज्यादा ताकत लगानी पड़ी, लेकिन उसने पौधा उखाड़ दिया। इसके बाद संत ने बच्चे को एक पेड़ दिखाया और कहा कि इसे उखाड़ दो। बच्चे ने पेड़ का तना पकड़ा, लेकिन वह उसे हिला भी नहीं सका। बच्चे ने कहा कि इस पेड़ को उखाड़ना असंभव है। संत ने बच्चे से कहा कि ठीक इसी तरह बुरी आदतों को जितनी जल्दी छो़ड़ देंगे, उतना ही अच्छा रहेगा। जब बुरी आदते नई होती हैं तो उन्हें छोड़ना आसान होता है, लेकिन आदतें जैसे-जैसे पुरानी होती जाएंगी, उन्हें छोड़ पाना मुश्किल हो जाएगा। बुरी आदतों के कारण जीवन में दुख बढ़ता है। यदि हमेशा सुखी रहना चाहते हैं तो गलत आदतों को जल्दी से जल्दी छोड़ देना चाहिए।
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