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Showing posts from October, 2019

नागचंद्रेश्वर मंदिर

नागचंद्रेश्वर मंदिर ( नागराज तक्षक का निवास-स्थल)  की खास बात यह है कि यह मंदिर साल में सिर्फ एक दिन नागपंचमी (श्रावण शुक्ल पंचमी) पर ही भक्तों को दर्शन करने के लिए खोला जाता है। ऐसी मान्यता है कि नागराज तक्षक स्वयं मंदिर में रहते हैं। नागचंद्रेश्वर मंदिर में 11वीं शताब्दी की एक अद्भुत प्रतिमा है। इसमें फन फैलाए नाग के आसन पर शिव-पार्वती बैठे हैं। कहते हैं कि यह प्रतिमा नेपाल से यहाँ लाई गई थी। उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है। पूरी दुनिया में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसमें विष्णु भगवान की जगह भगवान भोलेनाथ सर्प शैया पर विराजमान हैं। मंदिर में स्थापित प्राचीन मूर्ति में शिवजी, गणेशजी और माँ पार्वती के साथ दशमुखी सर्प शैया पर विराजित हैं। शिवशंभु के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए हैं। पौराणिक मान्यता सर्पराज तक्षक ने शिवशंकर को मनाने के लिए घोर तपस्या की थी, जिससे भोलेनाथ प्रसन्न हुए और उन्होंने सर्पों के राजा तक्षक नाग को अमरत्व का वरदान दिया। मान्यता है कि उसके बाद से तक्षक राजा प्रभु के सानिध्य में ही वास करने लगा। महाकाल के वन में वास करने से पूर्व उ

सुखद जीवन के लिए चाणक्य नीति

आचार्य चाणक्य की नीतियों में हर समस्या का समाधान मिलता है। जीवन की हर चुनौती में चाणक्य नीति सर्वश्रेष्ठ साबित होती है। उनकी नीतियों का पालन करके जीवन में शांति की स्थापना की जा सकती है। ज्ञानियों की बातों पर अमल करें चाणक्य कहते हैं कि यदि कोई ज्ञानी व्यक्ति गरीब है तो भी हमें उसकी बात का अनुसरण करना चाहिए। ना करें अन्न का अपमान चाणक्य के अनुसार आपकी धाली से अन्न का एक भी दाना बर्बाद नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो आपके घर में कभी भी सुख-समृद्धि का वास नहीं होता है। दांपत्य जीवन में ना हो कपट पति-पत्नी के मधुर रिश्ते में यदि कपट का स्थान है और वो एक-दूसरे से बातें छुपाते हैं तो वो रिश्ता नहीं चल पाता है। ऐसे में घर में कभी भी सुख-समृद्धि नहीं आती है। धन का अपव्यय जिस घर में धन गलत कार्यों में प्रयोग किया जाता है, वहाँ हमेशा कलह की संभावना बनी रहती है। जिससे वहाँ कभी खुशनुमा माहौल नहीं रहता है, और माता लक्ष्मी भी रुष्ट हो जाती हैं।

यम द्वितीया पर यमुना स्नान दिलाता है यम-यातना से मुक्ति

पाँच दिवसीय पर्वों के महापर्व दीपावली की अंतिम कड़ी है – भाईदूज। भाईदूज के दिन दीपोत्सव का समापन होता है।   भाईदूज के दिन भाई अपनी बहनों के घर जाकर भोजन करते हैं तथा बहनें भाई की दीर्घायु की कामना के लिए यमराज की पूजा करती हैं। आज के दिन यमराज की बहन यमुना और चित्रगुप्त सहित यमदूतों की पूजा भी करनी चाहिए। ब्रजक्षेत्र में भाई-बहन का यमुना में स्नान करना परम पवित्र व विशिष्ट अनुष्ठान माना जाता है।  कथा है कि सूर्य-पुत्री यमुना का एक ही भाई यमराज था, वह उसके घर नहीं आ पाता था। यमुना बार-बार उसे बुलाती, परंतु कामकाज की व्यस्तता की वजह से वह नहीं आ पाता। एक बार इसी दिन (कार्तिक शुक्ल द्वितीया) को अचानक यमराज, यमुना के घर आ पहुँचा। यमुना ने खूब आवभगत-सत्कार किया। भोजन करवाया और भाई को तिलक लगाया। यमुना से प्रसन्न भाई यमराज ने उससे कुछ मांगने को कहा। यमुना ने कहा, “ भाई, बस साल में एक बार इसी तरह आज के दिन तुम मेरे घर आ जाया करो। साथ ही यह भी वर दो कि इस दिन जो भी भाई अपनी बहन के घर जाकर उसका भोजन ग्रहण करे व उपहार दे, उसे तुम्हारा भय न हो। ” यमराज ने यमुना की बात मान ली। तभी से

Modi-Xi Jinping meet: Mahabalipuram monuments closed to tourists

Modi-Xi Jinping Meet: Mahabalipuram monuments closed to tourists.   मोदी-शी जिनपिंग की भेंट : महाबलीपुरम स्मारक पर्यटकों हेतु बंद The News Minute, 8-10-19 - 11:48 Entry to public has been suspended from Tuesday till the weekend.  मंगलवार से सप्ताहांत तक आम जनता का प्रवेश निलंबित। The Archaeological Survey of India (ASI) has temporarily shut down tourism to monuments in Mahabalipuram ahead of the bilateral summit between Prime Minister Narendra Modi and Chinese Premier Xi Jinping. Members of the public will not be allowed at popular tourist attractions located in the temple town beginning Tuesday. The two heads of state are set to meet between October 11 and 13. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ए.एस.आई।) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी प्रधानमंत्री शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन से पहले महाबलीपुरम स्मारकों के पर्यटन को अस्थाई रूप से बंद कर दिया है। मंगलवार से मंदिर नगर में स्थित लोकप्रिय पर्यटक स्थलों में जाने की आम जनता को अनुमति नहीं होगी।  दोनों राष्ट्राध्