RTI Amendment Bill passed amid protests in Rajya Sabha


RTI Amendment Bill passed amid protests in Rajya Sabha
सूचना का अधिकार संशोधन विधेयक राज्यसभा में विरोध-प्रदर्शन के बीच पारित
 (The Hindu News Translated by Ravindra Kumar Khare)



The Opposition stages a walkout during the vote on the opposition-sponsored motion to send the legislation for scrutiny by a Select Committee, accusing the government of trying to sabotage the vote.
प्रवर समिति के पास कानून जांच के लिए भेजने के विपक्ष द्वारा प्रायोजित प्रस्ताव पर मतदान के दौरान सरकार पर मत तोड़ने के प्रयास का दोषारोपण करते हुए विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया।

The Right to Information (Amendment) Bill, 2019, was passed in the Rajya Sabha on Thursday amid high drama. The Opposition staged a walkout during the vote on its motion to send the legislation for scrutiny by a Select Committee, accusing the government of trying to sabotage the vote.
सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक, 2019 गुरुवार को नाटकीय घटनाचक्र के बीच राज्यसभा में पारित हो गया। प्रवर समित द्वारा जाँच के लिए कानून भेजने के विपक्ष द्वारा प्रायोजित प्रस्ताव पर मतदान के दौरान सरकार पर मत तोड़ने के प्रयास का दोषारोपण करते हुए वॉकआउट किया।

The Bill, cleared by the Lok Sabha on Monday, seeks to bring in changes involving the salaries and tenures of Information Commissioners in the States and at the Centre.
सोमवार को लोकसभा में स्वीकृत यह विधेयक राज्यों और केन्द्र के सूचना आयुक्तों के वेतन तथा कार्यकाल में परिपर्तन लाना चाहता है।

The Opposition motion was defeated 75 to 117 in favour of the government. This is a rare occasion in the Rajya Sabha that an Opposition motion was defeated. The BJP-led NDA is slowly inching towards a majority in the Upper House.
विपक्ष का प्रस्ताव, सरकार के पक्ष में 75 के मुकाबले 117 मतों से हार गया। राज्यसभा में यह एक दुर्लभ अवसर है जब विपक्ष का प्रस्ताव हार गया हो। भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार उच्च सदन में धीरे-धीरे बहुमत की ओर बढ़ रही है।

Procedure violated
प्रक्रिया का उल्लंघन

The ruckus began when CPI(M) member Elamaram Kareem accused BJP MP C.M. Ramesh of collecting the ballot papers from other members, instead of allowing the marshals to do so. Mr. Ramesh had recently switched to the BJP from the TDP.
हंगामा तब शुरू हुआ जब सीपीआई(एम) के सदस्य इलामारम करीम ने मार्शल्स को मत-पत्र एकत्रित करने देने की बजाय भाजपा सांसद सी.एम. रमेश को अन्य सदस्यों से मत-पत्र एकत्रित करने का आरोप लगाया। श्री रमेश हाल ही में टीडीपी से भाजपा में शामिल हुए हैं।

Speaking to The Hindu, Mr. Kareem said he first heard Mr. Ramesh instructing TDP MP Thota Seetarama Lakshmi, who sits next to him, on how to vote.
द हिंदू से बात करते हुए श्री करीम ने कहा कि पहले उन्होंने श्री रमेश को अपने बगल में बैठी टीडीपी सांसद तोटा सीतारामा लक्ष्मी को निर्देश देते सुना कि मतदान कैसे करना है।

“Once the ballot papers were distributed, Mr. Ramesh came down to collect her ballot. He also had other ballot papers with him. It is not a member’s job to collect the ballot papers — it is for the marshals to do so. That is when I protested and drew the attention of the House to what was blatantly wrong,” Mr. Kareem said.
जब मत-पत्र बांट दिए गए तब श्री रमेश उनके मत-पत्र को लेने पहुँचे। उनके पास अन्य मत-पत्र भी थे। मत-पत्र एकत्र करना सदस्य का कार्य नहीं है – ये कार्य मार्शलों का है। तभी मैने, जो कुछ गलत हो रहा था उसका विरोध किया और सदन का ध्यान इस ओर आकर्षित किया, श्री करीम ने कहा।

The other Opposition members informed Deputy Chairman Harivansh, who was in the chair, of the wrongdoing and demanded a re-poll. The Chair, however, did not respond to the allegations. At this, Opposition members stormed into the well, raising slogans.
अन्य विपक्षी सदस्यों ने गलत कार्य की ओर आसीन उप-सभापति हरिवंश को सूचित किया और पुनर्मतदान की मांग की। हालांकि सभापति महोदय ने आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इस पर विपक्षी सदस्य नारे लगाते हुए आसन के सामने आ ग्ए।

Angry Opposition leaders then staged a walk out. In absence of the Opposition, Mr. Harivansh announced the result of the ballot. The Bill was then passed by a voice vote.
गुस्साए विपक्षी नेताओं ने सदन से वॉकआउट कर दिया। विपक्ष की अनुपस्थिति में श्री हरिवंश ने मतदान के परिणाम की घोषणा की। यह विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया।

“What happened today is the ultimate insult to the dignity of the Rajya Sabha. The government has acted with blatant disregard of the traditions and through this undermined the very sanctity of the vote. They may have managed the number but it’s a moral defeat,” Congress MP and Deputy Leader of Opposition Anand Sharma told The Hindu.
आज जो कुछ हुआ वह राज्यसभा की गरिमा का अपमान है। सरकार ने परंपराओं के घोर अनादर का कार्य किया है और इस कार्य के द्वारा मतदान की पवित्रता को कम किया है। उन्होंने संख्या का प्रबंध कर लिया होगा लेकिन यह नैतिक हार है, कांग्रेस के सांसद और विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा ने द हिंदू को बताया।

He also accused the Union ministers of openly intimidating regional parties to vote for the government.
उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों पर दोषारोपण किया कि वे क्षेत्रीय पार्टियों से सरकार के पक्ष में मतदान करने के लिए खुले तौर पर सूचित कर रहे थे।

The debate on the bill started on a sore note with Deputy Chairman Harivansh refusing to put the opposition motion to refer the legislation to a Select Committee to vote. Instead he initiated the debate on the Bill.
विधेयक पर बहस की खटास भरी शुरुआत उप सभापति हरिवंश के द्वारा विपक्ष के प्रस्ताव का इनकार करने पर हुई। विपक्ष ने विधेयक को प्रवर समित के समक्ष मत के लिए भेजने का प्रस्ताव किया था। इसके बजाय उन्होंने विधेयक पर बहस शुरू करवाई।
Opposition members stormed into the Well of the House and raised slogans in protest. Amidst slogans, the BJP members initiated the debate.
विपक्षी सदस्यों ने सदन में आसन के समक्ष पहुँच कर विरोध में नारेबाजी की। नारों के बीच भाजपा सदस्यों ने बहस शुरू कर दी।

Though the motion to refer the Bill to a select committee was signed by Biju Janata Dal and Telangana Rashtra Samiti members, the two parties spoke in support of the Bill during the debate. When the Opposition sensed this change of stance, it decided to call off the protest and join the debate.
हालांकि प्रवर समिति के पास विधेयक भेजने के प्रस्ताव पर बीजू जनता दल और तेलंगाना राष्ट्र समित के सदस्यों के हस्ताक्षर थे, ये दोनों दल बहस में विधेयक के समर्थन में बोले। जब विपक्ष ने रुख में इस बदलाव को महसूस किया तो विरोध समाप्त कर बहस में भाग लिया।

Congress MP Jairam Ramesh alleged that legislation is an effort to kill the RTI Act as an act of revenge by Prime Minister Narendra Modi who has been put in an embarrassing position by queries often, including the case seeking information in the educational qualifications of Mr Modi.
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश का आरोप कि यह विधेयक आरटीआई अधिनियम को मारने का प्रयास है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बदला लेने का कार्य है जिनको प्रायः सवालों के कारण असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है। इसमें श्री मोदी की शैक्षणिक योग्यता की जानकारी चाहने वाला मामला भी शामिल है

Speaking at the conclusion of the debate Minister for Department of Personnel and Training Jitender Singh said the amendment was brought without any motivation and was in good faith.
बहस के अंत में बोलते हुए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के मंत्री जितेन्दर सिंह ने कहा कि संशोधन सद्भाव और किसी प्रेरणा के बगैर लाया गया है।

This, he said, will lead to institutionalisation of the CIC and strengthen the provision of RTI Act.
उन्होंने कहा कि यह सीआईसी के संस्थागतकरण और आरटीआई अधिनियम के प्रावधान को मजबूती प्रदान करेगा।


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